गैरत इतनी हो आँखें कभी झुके ना किसी से, भले तू कहीं भी अपने चेहरे पे नक़ाब रख। गैरत इतनी हो आँखें कभी झुके ना किसी से, भले तू कहीं भी अपने चेहरे पे नक़ाब रख।
बढ़ाओ अपने राष्ट्र का मान यही होगा महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान। बढ़ाओ अपने राष्ट्र का मान यही होगा महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान।
सोचे मानव समाज एक बार पुनः छोड़ के भेदभाव का मानसिक विकार। सोचे मानव समाज एक बार पुनः छोड़ के भेदभाव का मानसिक विकार।
विरोध करे तो असंस्कारी नारी समय की विडंबना ही घोर भारी... विरोध करे तो असंस्कारी नारी समय की विडंबना ही घोर भारी...
बने जिस देश की नारी गुणकारी, मैं ऐसी खुद्दारी लिखती हूँ। बने जिस देश की नारी गुणकारी, मैं ऐसी खुद्दारी लिखती हूँ।
कंधे से कंधा मिला, पुरुष के बराबर चलूँ मैं... कंधे से कंधा मिला, पुरुष के बराबर चलूँ मैं...